दिल्ली में पराली के धुएं का असर कम, पर प्रदूषण बढ़ा

 


दिल्ली में पराली के धुएं का असर कम, पर प्रदूषण बढ़ा



हवाओं के रुख बदलने व रफ्तार कम होने से दिल्ली में प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है। प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा कम होने के बावजूद बृहस्पतिवार को हवा की गुणवत्ता बेहद खराब रही। बुधवार की तुलना में 69 अंकों की बढ़ोत्तरी के साथ सूचकांक 311 पर पहुंच गया। वहीं, मुंडका इलाके की हवा सांस लेने लायक नही थी। सूचकांक 400 से पार जाने पर गुणवत्ता का स्तर गंभीर स्तर पर पहुंच गया।


 

सेंटर ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) का कहना है कि बृहस्पतिवार को हवा की दिशा में बदलाव आया है। अभी तक पराली के धुएं के साथ दिल्ली पहुंच रही हवाओं का रुख उत्तर प्रदेश की तरफ से हो गया। इससे दिल्ली के प्रदूषण में पराली के धुएं का हिस्सा 12 से घटकर सात फीसदी हो गया। लेकिन दिल्ली पहुंच रही पुरवा हवाओं के साथ इसकी चाल कम हो गई। बुधवार को 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा 6 किमी प्रति घंटे से कम हो गई। नतीजतन दिल्ली का स्थानीय प्रदूषण दूर तक नहीं फैल सका।

सीपीसीबी के मुताबिक, बृहस्पतिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 311 पर पहुंच गया। जबकि एक दिन पहले यह 242 पर था। हवा की चाल कमोवेश एक सी होने पर दो दिन तक प्रदूषण स्तर में ज्यादा फेरबदल की उम्मीद नहीं है। गुणवत्ता खराब व बेहद खराब स्तर पर रहेगी।

मुंडका का सूचकांक 400 के पार, हवा सांस लेने लायक नहीं

दिल्ली का सबसे प्रदूषित इलाका मुंडका रहा। यहां का सूचकांक 400 से ऊपर जाते हुए गंभीर स्तर तक पहुंच गया। इसमें सबसे ज्यादा मात्रा धूल के महीने कणों पीएम2.5 की रही। इसकी औसत मात्रा 463 तक पहुंच गई। जबकि इसका मानक महज 60 होना चाहिए। वहीं, पीएम10 की औसत मात्रा 500 से पार रही। दूसरे नंबर पर आनंद विहार रहा। यहां का सूचकांक 390 तक पहुंच गया।

चिकित्सकों का कहना है कि इस स्तर पर हवा खराब होने पर लोगों को खुले में कोई काम नहीं करना चाहिए। जबकि बच्चों, महिलाओं व बुजुर्गों को बाहर निकलने से बचना चाहिए। सीपीसीबी का कहना है कि दिल्ली से 35 एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन में से अधिकतर जगहों पर हवा बेहद खराब स्तर पर थी।

दिवाली पर हवा नहीं होगी गंभीर

सफर का पूर्वानुमान है कि पश्चिमी हिमालयन क्षेत्र की मौसमी दशाएं 28 अक्तूबर को पश्चिमी विक्षोभ से बदलेंगी। मौजूदा आकलन के अनुसार दिवाली पिछले साल की तुलना में बेहतर होगी। 2018 में यह गंभीर स्तर पहुंच गई थी, जबकि इस साल इसमें सुधार आ सकता है। हालांकि, नवंबर के पहले सप्ताह में एक बार फिर हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ सकती है।

दिल्ली के शीर्ष पांच प्रदूषित इलाके

इलाका सूचकांक :


मुंडका                  425
आनंद विहार         390
वजीरपुर               363
जहांगीरपुरी           359
द्वारका                  351